मेहंदी लगवाना क्यों जरूरी है | हाथों में रंग देने वाली मेहंदी का रोचक इतिहास | मेहंदी से होने वाले फायदे | History of Mehndi
प्यार खुशी और रूप की सुंदरता को बढ़ाने के लिए मेहंदी का प्रयोग किया जाता है वैसे तो हाथों पैरों में अपना खूब रंग जमाने वाली मेहंदी की शुरुआत के विषय में कई मत है जिसमें से सबसे ज्यादा इस मत को माना गया है कि मेहंदी की शुरुआत मिस्र देश में हुई थी कहा जाता है कि मेहंदी 9000 साल पहले ही प्रचलन में आ गई थी मिस्र सभ्यता की आखिरी क्लियोपैट्रा को मेहंदी बहुत पसंद थी वह इसे अलग अलग तरीके से प्रयोग करती थी वह अपनी सुंदरता में चार चांद लगाने के लिए मेहंदी का इस्तेमाल करती थी
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मिस्र
देश में रानी ही नहीं बल्कि मिश्र के सभी लोग मेहंदी से ममी को दफनाने में भी इस्तेमाल करते थे वो लोग ममी के नाखून पर भी लगाते थे खुदाई के दौरान मिली कई ममी से इस बात का प्रमाण भी मिला है 12वीं शताब्दी में मुगलों ने हमें इस से अवगत कराया लेकिन बीसवीं शताब्दी में भारत में इसका प्रचलन अधिक ज्यादा बढ़ गया था
महिलाओं ने इसे ज्यादातर अपने हाथों पैरों पर लगाना शुरू कर दिया मेहंदी को अंग्रेजी शब्द में है हिना नाम से जाना जाता है इसका पौधा लगभग 8 से 10 फीट लंबा होता है यह गर्म मौसम के देशों में पाया जाता है जैसे भारत ईरान पाकिस्तान सीरिया यमन और आदि है
मेहंदी से होने वाले फायदे
यह क्रेक नाखूनों को ठीक करने में,पीलिया और अन्य बीमारियों में बेहद प्रभावशाली है,यह बालों को मजबूत घना और बेहद चमकदार बनाने में बहुत लाभकारी होता है
मेहंदी डिजाइन के प्रकार
अरेबिक, मधुबनी, राजस्थानी, मारवाड़ी, गुजराती, मुंबई, बैंगल्स ब्राइडल डिजाइन और आदि।
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